राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य Part – 2

राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य संत साहित्य संत साहित्य ने राजस्थानी साहित्य को समृद्ध बनाया है। यह साहित्य मुख्यतः पद्म में है। संतों ने अपने अनुभवों को वाणी और भजनों द्वारा प्रसारित कर जनमानस को नैतिकता की सीख दी है। इन्होंने आत्मज्ञान, तत्त्वदर्शन, आत्मा की अनुभूति आदि विषयों को लोकभाषा में समझाया है। … Read more

राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य

राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य राजस्थानी साहित्य से अभिप्राय मेवाड़ी, मारवाड़ी, मालवी, बागड़ी, ढूँढाड़ी आदि बोलियों में रचे गए साहित्य से है। इन विभिन्न बोलियों का ही सामूहिक नाम राजस्थानी है। समयान्तर में इन बोलियों पर राजस्थान के पड़ोसी भू-भागों की भाषाओं विशेषकर गुजराती व ब्रज का प्रभाव भी पड़ा और उन भाषाओं … Read more

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