राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य Part – 2

राजस्थानी भाषा का साहित्य एवं लोक साहित्य संत साहित्य संत साहित्य ने राजस्थानी साहित्य को समृद्ध बनाया है। यह साहित्य मुख्यतः पद्म में है। संतों ने अपने अनुभवों को वाणी और भजनों द्वारा प्रसारित कर जनमानस को नैतिकता की सीख दी है। इन्होंने आत्मज्ञान, तत्त्वदर्शन, आत्मा की अनुभूति आदि विषयों को लोकभाषा में समझाया है। … Read more

राजस्थान के लोक देवता Part-1

राजस्थान के लोक देवता ऐसे महापुरुषों जो मानव रूप में जन्म लेकर अपने असाधारण व लोकोपकारी कार्यों के कारण दैविक अंश के प्रतीक के रूप में स्थानीय जनता द्वारा स्वीकार किए गए, उन्हें लोक देवता कहा गया है। राजस्थान के पाँच पीरों में पाबूजी, हरभूजी, रामदेवजी, गोगाजी, मेहाजी मांगलिया शामिल है। पाबू, हरभू, रामदे, मांगलिया … Read more

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