उद्देश्य – जनजाति समुदाय के समावेशी विकास के लिए उनकी आवश्यकता के अनुरूप कार्य करवाना।
प्रावधान –
₹10 लाख तक के कार्यों की स्वीकृति जिला कलेक्टर द्वारा।
• ₹10 लाख से अधिक और 25 लाख तक के कार्यों की स्वीकृति आयुक्त, जनजाति क्षेत्रीय विकास द्वारा।
• ₹25 लाख से अधिक की स्वीकृतियाँ जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के स्तर द्वारा।
2. मुख्यमंत्री वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना
नोडल विभाग – सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग।
पात्र / लाभार्थी –
राजस्थान का मूल निवासी।
आयु 55 वर्ष या इससे अधिक
आय सीमा ₹48,000/- से कम हो।
प्रावधान –
आयु सीमा
पेंशन राशि प्रतिमाह
55 से 75 वर्ष (महिलाएं)
₹1000
58 से 75 वर्ष (पुरूष)
₹1000
75 वर्ष से अधिक (पुरुष व महिलाएँ
₹1000
बीपीएल/अंत्योदय/आस्थाकार्डधार परिवार / सहरिया / कथौड़ी, खैरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त से छूट प्रदान की गई।
बजट 2023-24 के तहत 75 वर्ष से कम वाले सभी पेंशन धारियों की राशि ₹1000 कर दी
बीपीएल/अंत्योदय/आस्थाकार्डधार परिवार / सहरिया / कथौड़ी, खैरवा जाति के व्यक्तियों को आय संबंधी शर्त से छूट प्रदान की गई।
बजट 2023-24 के तहत 75 वर्ष से कम वाले सभी पेंशन धारियों की राशि ₹1000 कर दी।
3. मुख्यमंत्री विशेष योग्यजन सम्मान पेंशन योजना
प्रारंभ – 29 नवम्बर, 1965 को।
नोडल विभाग – सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग
पात्र/लाभ –
विशेष योग्यजन जो अंधता, अल्पदृष्टि, चलन निःशक्तता, श्रवण शक्ति का ह्रास, मानसिक मंदता, मानसिक रोगी में से किसी एक अथवा अधिक विकलांगता से ग्रस्त, प्राकृतिक रूप से बौनेपन से, हिंजड़ेपन से ग्रस्त हो।
राजस्थान का मूल निवासी।
आय सीमा ₹60,000/-
लाभ –
आयुवर्ग
राशि प्रतिमाह
55 वर्ष से कम आयु की महिला व 58 वर्ष से कम आयु का पुरुष
₹1000
55 से 75 वर्ष की महिला तथा 58 से 75 वर्ष का पुरुष
₹1000
75 वर्ष से अधिक आयु के महिला व पुरूष
₹1250
सिलिकोसिस और कुष्ठ रोग से ग्रसित
₹1500
3. मुख्यमंत्री एकल नारी सम्मान पेंशन योजना
शुरूआत 1 जून, 1974 को।
नोडल विभाग – सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग।
पात्र/लाभ –
• आयु सीमा – न्यूनतम 18 वर्ष ।
• राजस्थान का मूल निवासी।
• विधवा/परित्यक्तता / तलाकशुदा महिला।
• BPL/अंत्योदय / आस्थाकार्डधारी परिवार / सहरिया / कथौड़ी / खैरवा जाति एवं HIV AIDS पॉजीटिव तथा राजस्थान एड्स कंट्रोल सोसायटी में पंजीकृत विधवा/परित्यक्तता / तलाकशुदा महिलाओं को आय संबंध में छूट।
लाभ –
आयुवर्ग
राशि प्रतिमाह
15 से 55 वर्ष
₹1000
55 से 60 वर्ष
₹1000
60 से 75 वर्ष
₹1000
75 वर्ष से अधिक
₹1500
4. इंदिरा गाँधी मातृत्व पोषण योजना
प्रारंभ – 19 नवंबर, 2020 से।
• प्रतापगढ़, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर तथा बारां जिले से।
• बजट वर्ष 2022-23 से पूरे प्रदेश में लागू।
उद्देश्य गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली – महिलाओं और तीन वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार करना।
प्रावधान –
• दूसरी संतान के जन्म पर लाभार्थी को पांच चरणों में ₹6000 सीधे खाते में हस्तांतरित किए जाएंगे।
5. पालनहार योजना
प्रारंभ वर्ष 2004 |
नोडल विभाग विभाग। – सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता
लाभार्थी –
ऐसे बच्चें जिनके माता-पिता की मृत्यु हो गई है या उन्हें आजीवन कारावास / मौत की सजा हो गई है या माता-पिता में से एक की मृत्यु हो गई है और दूसरा आजीवन कारावास काट रहा हो।
विधवा के बच्चों (3 बच्चों तक), विवाहित विधवा के बच्चों, कुष्ठ रोग / में संक्रमित माता-पिता के बच्चे, नाते गई हुई महिलाओं के बच्चें (3 बच्चों तक) विशेष योग्यजनों एवं परित्यक्तता/तलाकशुदा महिलाओं के बच्चें भी शामिल।
ऐसे बच्चें के उत्तरदायित्व को निभाने वाले को पालनहार कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त वस्त्र, स्वेटर, जूते हेतु 2000 वार्षिक अतिरिक्त एकमुश्त सहायता।
स्कूल प्रवेश के बाद ₹1000 प्रतिमाह अतिरिक्त देय।
आयुवर्ग
राशि प्रतिमाह
0-6 वर्ष (आंगनबाड़ी जाने वाले)
₹500
6-18 वर्ष (विद्यालय जाने वाले)
₹1000
बजट 2023-24 में ₹500 से ₹750 तथा ₹1000 से ₹1500 कर दी।
पात्र
• वार्षिक आय अधिकतम – ₹1.20 लाख ।
• बच्चें की अधिकतम आयु 18 वर्ष
• आवेदन तिथि से कम से कम 2 वर्ष की अवधि में राजस्थान में रह रहा है।
6. इंदिरा गाँधी शहरी रोजगार गारंटी योजना
घोषणा – बजट 2022-23 |
शुभारंभ 9 सितम्बर, 2022 को।
खानिया की बावड़ी, जयपुर से।
उद्देश्य – शहरी क्षेत्र में अकुशल जरूरतमंद को 125 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराना। (1 अप्रैल 2023 से)
उद्देश्य – दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करते हुए दुग्ध पर अनुदान राशि प्रदान करना।
प्रावधान – प्रति लीटर दूध पर अनुदान राशि 2₹/लीटर से बढ़ाकर 52/लीटर किया।
8. मुख्यमंत्री बीज स्वावलम्बन योजना
शुभारंभ वर्ष 2017 से।
उद्देश्य – कृषकों द्वारा स्वयं के खेतों में अच्छी किस्म के बीज निर्माण को बढ़ावा देना।
प्रारंभ में तीन कृषि जलवायुविक खण्डों कोटा, भीलवाड़ा तथा उदयपुर में तथा वर्ष 2018-19 से समस्त 10 खंडों में क्रियान्वित ।
योजनांतर्गत गेंहूँ, जौ, चना, ज्वार, सोयाबीन, मूंग, मोठ, मूंगफली एवं उड़द की 10 वर्ष से कम अवधि तक की पुरानी किस्मों का बीज उत्पादन को शामिल किया गया हैं।
9. राजीव गाँधी जल संचय योजना
प्रारंभ –
• प्रथम चरण – 20 अगस्त, 2019 को।
• 33 जिलों के 295 ब्लॉकों के लगभग 4,000 गांवों में।
प्रावधान – राज्य में संचालित विभिन्न केन्द्रीय एवं राज्य की योजनाओं में उपलब्ध वित्तीय संसाधनों का प्रभावी कन्वर्जेन्स, विभिन्न लाईन विभागों के समन्वय, कॉर्पोरेट जगत, धार्मिक ट्रस्टों एवं सामाजिक संगठनों, गैर सरकारी संगठनों एवं जनसहयोग एवं राज्य सरकार द्वारा पृथक से बजट उपलब्ध करवाकर जल संरक्षण एवं जल भराव संरचनाओं की गतिविधियों का प्रभावी क्रियान्वयन करना।
10. मुख्यमंत्री जिला नवाचार निधि योजना
स्वीकृति – 1 अप्रैल, 2021 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा।
उद्देश्य जिला कलेक्टर द्वारा जिले की स्थानीय – आवश्यकता तथा जन आकांक्षाओं के अनुरूप उनके नवाचारों का समावेश करते हुए जनोपयोगी परिसंपत्तियों के सृजन से संबंधित कार्य स्वीकृत कर रोजगार के अवसर सृजित करना।
क्रियान्वयन एजेंसी ग्रामीण विकास विभाग (राज्य स्तर पर), जिला परिषद् (जिला स्तर पर)।
11. राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना, 2019
प्रारंभ – 12 दिसम्बर, 2019 को।
उद्देश्य – कृषि उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु पूंजीगत, ब्याज एवं सौर ऊर्जा अनुदान प्रदान करना, राज्य के घरेलू एवं निर्यात व्यापार को प्रोत्साहन देना।
प्रावधान – गुणवत्तायुक्त उत्पादन, बाजार विकास, कौशल विकास आदि हेतु विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता प्रदान करना।
लाभार्थी –
कृषक, कृषक उत्पादन संगठन एवं कृषि उद्योग तथा विपणन से जुड़े व्यक्ति / प्रतिष्ठान / समूह / संस्था आदि।
कृषि प्रसंस्करण इकाईयां, कृषि अवसंरचनात्मक परियोजना, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला व 35 वर्ष से कम आयु के युवा उद्यमियों की शत-प्रतिशत भागीदारी वाली इकाईयाँ शामिल।