राजस्थान के लोक नृत्य Part-1
राजस्थान के लोक नृत्य अंग-प्रत्यंग एवं मनोभावों के साथ की गई नियंत्रित यति-गति को नृत्य कहा जाता है। भारतीय नृत्यकला को दो वर्गों में बाँटा जाता है- 1. शास्त्रीय नृत्य…
राजस्थान के लोक नृत्य अंग-प्रत्यंग एवं मनोभावों के साथ की गई नियंत्रित यति-गति को नृत्य कहा जाता है। भारतीय नृत्यकला को दो वर्गों में बाँटा जाता है- 1. शास्त्रीय नृत्य…
राजस्थान के लोक गीत लोक जीवन से निकला गीत ही लोक संगीत कहलाता है। लोक गीत फसल कटने, विवाह, त्योहारों और यहाँ तक कि मृत्यु जैसे दुःखद अवसरों पर भी…
राजस्थान के संप्रदाय निम्बार्क सम्प्रदाय सलेमाबाद (अजमेर) में निम्बार्क सम्प्रदाय के प्रवर्तक परशुराम देव थे। निम्बार्क सम्प्रदाय के अनुयायी राधाजी को भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी मानते है। सलेमाबाद में भाद्रपद…
राजस्थान के संत संत रामदासजी संत रामदास रामस्नेही संप्रदाय की खेड़ापा (जोधपुर ग्रामीण) शाखा के प्रवर्तक थे। इनका जन्म भीकमकोर गाँव (फलौदी) में हुआ था। संत रामदास मेघवाल जाति के…
राजस्थान के संत संत मीराबाई मेड़ता के राठौड़ शासक राव रत्नसिंह की पुत्री मीराबाई का जन्म 1498 ई. में कुड़की (जैतारण, ब्यावर) में हुआ था। मीरा के पिता का नाम…
राजस्थान के संत राजस्थान में राम, कृष्ण, शिव तथा दुर्गा पूजा पर आधारित अनेक धार्मिक संप्रदायों का जन्म एवं विकास हुआ है। राजस्थान में रामस्नेही, निम्बार्क, पाशुपत, लालदासी, चरणदासी, दादूपंथ,…
राजस्थान के मेले एवं त्योहार राजस्थान प्रदेश के मेले, त्योहार की परम्परा देश में अन्यत्र कहीं नहीं मिलती है। प्रत्येक त्योहार, मेला यहाँ के लोक जीवन की किसी किंवदन्ती या…
राजस्थान कला व संस्कृति – राजस्थान के मेले Part – 2 मुकाम का जाम्भेश्वर मेला विश्नोई सम्प्रदाय के संस्थापक जाम्भोजी के समाधि स्थल मुकाम (बीकानेर) में प्रतिवर्ष दो बार फाल्गुन…
राजस्थान के प्रमुख मेले पुष्कर मेला कार्तिक शुक्ला एकादशी से पूर्णिमा तक पुष्कर (अजमेर) में विशाल मेला लगता है। इस मेले में विदेशी पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं। इसमें…
राजस्थान की लोक देवियाँ आई माता सीरवी जाति की कुलदेवी आई माता का समाधि स्थल बिलाड़ा (जोधपुर ग्रामीण) में है, जहाँ इनका मुख्य मंदिर बना है। इनके मुख्य मंदिर को…