राजस्थान के लोक गीत और लोकगायन शैलियाँ

राजस्थान के लोक गीत प्रमुख लोक गीत गोरबंध गीत – गोरबंध एक श्रृंगारिक गीत है। इसमें ऊँट के श्रृंगार का वर्णन किया जाता है। गोरबंध ऊँट का एक श्रृंगारिक आभूषण भी है। यह शेखावाटी क्षेत्र में प्रचलित लोकगीत है। हिचकी गीत – मेवात क्षेत्र (अलवर) का एक लोकगीत है। यह किसी की याद आने पर … Read more

राजस्थान के लोक गीत

राजस्थान के लोक गीत लोक जीवन से निकला गीत ही लोक संगीत कहलाता है। लोक गीत फसल कटने, विवाह, त्योहारों और यहाँ तक कि मृत्यु जैसे दुःखद अवसरों पर भी गाए जाते हैं। लोक संगीत किसी प्रकार के जटिल नियमों में बंधे नहीं होते है। इनमें समाज की व्यापक भागीदारी होती है। राजस्थान के लोक … Read more

राजस्थान के संप्रदाय

राजस्थान के संप्रदाय निम्बार्क सम्प्रदाय सलेमाबाद (अजमेर) में निम्बार्क सम्प्रदाय के प्रवर्तक परशुराम देव थे। निम्बार्क सम्प्रदाय के अनुयायी राधाजी को भगवान श्रीकृष्ण की पत्नी मानते है। सलेमाबाद में भाद्रपद शुक्ल अष्टमी (राधाष्टमी) के दिन मेला लगता है। वल्लभ सम्प्रदाय वल्लभ सम्प्रदाय को पुष्टिमार्गी/रूद्र सम्प्रदाय भी कहा जाता है। वल्लभ सम्प्रदाय के अनुयायी भगवान श्रीकृष्ण … Read more

राजस्थान के संत Part-3

राजस्थान के संत संत रामदासजी संत रामदास रामस्नेही संप्रदाय की खेड़ापा (जोधपुर ग्रामीण) शाखा के प्रवर्तक थे। इनका जन्म भीकमकोर गाँव (फलौदी) में हुआ था। संत रामदास मेघवाल जाति के थे। इनके पिता का नाम शार्दुल और माता का नाम अणभी था। 1752 ई. में सिंहथल (बीकानेर) में संत हरिरामदास से इन्होंने राम नाम का … Read more

राजस्थान के संत Part-2

राजस्थान के संत संत मीराबाई मेड़ता के राठौड़ शासक राव रत्नसिंह की पुत्री मीराबाई का जन्म 1498 ई. में कुड़की (जैतारण, ब्यावर) में हुआ था। मीरा के पिता का नाम रतनसिंह मेड़ता था। मीराबाई के जन्म के तीन वर्ष बाद इनकी माता कसूब कंवर का देहान्त हो गया। मीरा का पालन-पोषण मेड़ता में इनके दादा … Read more

राजस्थान के संत Part-1

राजस्थान के संत राजस्थान में राम, कृष्ण, शिव तथा दुर्गा पूजा पर आधारित अनेक धार्मिक संप्रदायों का जन्म एवं विकास हुआ है। राजस्थान में रामस्नेही, निम्बार्क, पाशुपत, लालदासी, चरणदासी, दादूपंथ, निरंजनी, विश्नोई, रामानुज, जसनाथी, नवल एवं वल्लभ संप्रदाय प्रमुख हैं। विष्णु की पूजा करने वाले वैष्णव, शिव की पूजा करने वाले शैव तथा शान्ति की … Read more

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